शिक्षा
हिंदी भाषा और व्याकरण: मानवीय संस्कारों से रोज़गार तक की यात्रा

नई दिल्ली : भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं होती, बल्कि यह समाज की आत्मा, संस्कृति की वाहक और मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त साधन होती है। हिंदी, हमारी मातृभाषा, न केवल भारत के विशाल भूभाग में संवाद का माध्यम है, बल्कि यह करोड़ों लोगों की पहचान, सोच और संस्कारों की वाहिका भी है। भाषा की आत्मा उसका व्याकरण होता है, जो उसे शुद्धता, स्पष्टता और सौंदर्य प्रदान करता है। हिंदी भाषा और व्याकरण का यह संगम न केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति करता है, बल्कि व्यक्ति को सामाजिक, नैतिक व व्यावसायिक स्तर पर दक्ष, सक्षम और संवेदनशील बनाता है।
1. भाषा और व्याकरण: संस्कारों का आधार
बचपन में जब कोई बालक भाषा सीखता है, तो वह केवल शब्दों और वाक्यों को नहीं, बल्कि व्यवहार, संस्कृति और मूल्यों को आत्मसात करता है। ‘नमस्ते’ कहना, बड़ों को ‘आप’ कहकर संबोधित करना, संवाद में विनम्रता रखना — ये केवल भाषायी क्रियाएं नहीं हैं, ये हमारी सामाजिक चेतना के अंग हैं।
हिंदी व्याकरण में मौजूद ‘संबोधन विभक्ति’, ‘क्रियाओं की विनम्रता’ और ‘शुद्ध उच्चारण’ केवल तकनीकी बातें नहीं हैं, बल्कि ये संवाद की मर्यादा और आदर-संवोधन की गूढ़ समझ भी प्रदान करती हैं।
भाषा में व्याकरण वही भूमिका निभाता है, जो शरीर में रीढ़ की हड्डी निभाती है। वह भाषा को संरचना, संतुलन और सौंदर्य प्रदान करता है। सही व्याकरण से युक्त भाषा न केवल स्पष्ट होती है, बल्कि वह सामाजिक व्यवहार का दर्पण भी बनती है।
2. भावनात्मक बौद्धिकता और भाषा
आज के युग में ‘भावनात्मक बुद्धिमत्ता’ (Emotional Intelligence) को सफलता का अनिवार्य गुण माना जाता है। यह केवल निर्णय लेने या संकट में संतुलन बनाए रखने की क्षमता नहीं, बल्कि दूसरों की बात समझने, संवेदना व्यक्त करने और सहयोग की भावना को विकसित करने का माध्यम भी है।
हिंदी भाषा, विशेषकर उसकी काव्यात्मकता, मुहावरों, लोकोक्तियों और संवाद शैली के माध्यम से यह भावनात्मक समझ उत्पन्न करती है। एक संवेदनशील भाषा के रूप में हिंदी अपने वक्ता को एक बेहतर श्रोता, सहकर्मी, नेता और नागरिक बनने की क्षमता देती है।
3. रोजगार के बदलते परिदृश्य में भाषा की भूमिका
21वीं सदी का रोजगार बाजार केवल डिग्रियों और तकनीकी ज्ञान के आधार पर निर्णय नहीं लेता। अब कंपनियां और संस्थाएं ऐसे व्यक्तियों को प्राथमिकता देती हैं जो प्रभावी संवाद कर सकें, टीम में काम कर सकें, और विभिन्न भाषायी-सांस्कृतिक संदर्भों को समझते हुए व्यावसायिक संबंध बना सकें।
कुछ प्रमुख क्षेत्रों में हिंदी भाषा का प्रभावी योगदान:
-
शिक्षा एवं शोध: आज शैक्षणिक संस्थानों में विषयवस्तु को मातृभाषा में समझाना, शोध करना और विद्यार्थियों से संवाद करना एक महत्वपूर्ण कौशल है। हिंदी में लेखन, प्रस्तुति और अध्यापन की क्षमता आपको इस क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है।
-
पत्रकारिता एवं मीडिया: हिंदी पत्रकारिता देश के सबसे बड़े मीडिया उपभोक्ताओं में से एक को संबोधित करती है। प्रिंट, डिजिटल और टेलीविजन मीडिया में शुद्ध, सटीक और प्रभावी हिंदी लेखन व वाचन कौशल की भारी मांग है।
-
सृजनात्मक लेखन एवं अनुवाद: साहित्य, पटकथा लेखन, वेब सीरीज़, विज्ञापन, फिल्म आदि में हिंदी की सृजनात्मकता की अपार संभावना है। इसके अतिरिक्त, क्षेत्रीय भाषाओं और वैश्विक भाषाओं से हिंदी में अनुवाद एक उभरता हुआ पेशेवर क्षेत्र है।
-
प्रशासनिक सेवाएं: सिविल सेवा परीक्षा सहित अनेक प्रशासनिक सेवाओं में हिंदी भाषा में गहरी समझ और प्रभावी अभिव्यक्ति सफलता की कुंजी बन सकती है।
-
कॉर्पोरेट व जनसंपर्क: बहुराष्ट्रीय कंपनियों और स्थानीय संस्थाओं को ऐसे लोग चाहिए जो हिंदी में ग्राहकों से संवाद कर सकें, रिपोर्ट तैयार कर सकें और अंदरूनी टीमों के बीच पुल बना सकें।
4. व्याकरण: दक्षता और विश्वसनीयता का आधार
आज जब डिजिटल और वैश्विक संवाद तेज़ी से बढ़ रहा है, सही भाषा और व्याकरण की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है। सोशल मीडिया पोस्ट, ईमेल, रिपोर्ट, प्रस्तुतियाँ — सबमें भाषा की स्पष्टता और शुद्धता ही व्यक्ति की विशेषज्ञता और विश्वसनीयता दर्शाती है।
हिंदी व्याकरण जैसे समास, कारक, काल, वाच्य, अलंकार आदि न केवल भाषा को समृद्ध बनाते हैं, बल्कि व्यक्ति के चिंतन और अभिव्यक्ति को गहराई और सौंदर्य प्रदान करते हैं। व्याकरण के अभ्यास से तार्किक क्षमता, एकाग्रता और अनुशासन का विकास होता है — जो किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक हैं।
5. डिजिटल युग और हिंदी भाषा
आज डिजिटल क्रांति के युग में हिंदी अपनी नई पहचान बना रही है। मोबाइल एप्स, वेबसाइट्स, ब्लॉग्स, यूट्यूब चैनल्स, पॉडकास्ट्स और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर हिंदी के उपयोग ने लाखों युवाओं को न केवल अपनी बात कहने का मंच दिया है, बल्कि उन्हें स्वतंत्र, रचनात्मक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाया है।
हिंदी कंटेंट क्रिएटर, ट्रांसक्रिप्शन विशेषज्ञ, डिजिटल मार्केटर, सोशल मीडिया मैनेजर जैसे अनेक नए प्रोफेशनल रोल हिंदी भाषा-ज्ञान पर आधारित हैं। ऐसे में हिंदी भाषा और व्याकरण का सशक्त ज्ञान, डिजिटल युग के अवसरों का लाभ उठाने में सहायक बनता है।
6. भाषा और व्यक्तित्व विकास
हिंदी भाषा केवल करियर का साधन नहीं, यह हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती है। वह हमें अभिव्यक्ति की शक्ति, विचारों की गहराई और संवाद की मर्यादा सिखाती है। एक ऐसा व्यक्ति जो प्रभावी ढंग से हिंदी में विचार रख सकता है, उसमें आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और संवेदनशीलता जैसे गुण स्वतः विकसित होते हैं।
व्याकरण की समझ व्यक्ति को केवल भाषायी रूप से सक्षम नहीं बनाती, बल्कि वह तार्किक, संयमित और विवेकशील भी बनाता है।
हिंदी भाषा और उसका व्याकरण केवल शैक्षिक विषय नहीं हैं, बल्कि ये मानवीय जीवन की संरचना के मूल आधार हैं। ये हमें केवल शब्दों की दुनिया में दक्ष नहीं बनाते, बल्कि संस्कार, सह-अस्तित्व, संवाद और सहिष्णुता जैसे गुणों से समृद्ध करते हैं। आज जब भविष्य की दुनिया बहुभाषायी, भावनात्मक और संवाद-प्रधान होती जा रही है, हिंदी भाषा और व्याकरण की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
हमें यह समझना होगा कि भाषा केवल रोज़गार का साधन नहीं, बल्कि एक समृद्ध, सुसंस्कृत और सार्थक जीवन की कुंजी भी है। यदि हम हिंदी भाषा और व्याकरण को अपने जीवन में आदरपूर्वक स्थान दें, तो हम न केवल एक सफल पेशेवर बन सकते हैं, बल्कि एक सजग, सुसंस्कृत और सहृदय नागरिक भी बन सकते हैं।
-
©® डॉ ऋषि शर्मा
-
प्रकाशन प्रबंधक भाषा
-
न्यू सरस्वती हाउस प्रकाशन
-
प्रमुख संपादक गुंजार, गूँज हिंदी की, शैक्षिक त्रैमासिक पत्रिका।
-
संस्थापक: हिंदगी ,हिंदी है ज़िंदगी समूह
शिक्षा
MetaApply एक्सपर्ट गाइडेंस: विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के लिए आपका रास्ता

नोएडा, 17 मार्च : जैसे-जैसे कुशल स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की वैश्विक मांग बढ़ रही है, भारतीय छात्र विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। शीर्ष-स्तरीय विश्वविद्यालयों और उन्नत स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों तक पहुँच के साथ, छात्रों को अमूल्य अंतर्राष्ट्रीय अनुभव, विविध स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों से परिचय और अत्याधुनिक तकनीकों तक पहुँच प्राप्त होती है।
MetaApply, एक अग्रणी एड-टेक संगठन, छात्रों को विदेश में चिकित्सा की पढ़ाई की जटिलताओं से निपटने में सहायता करने में सबसे आगे है। MetaApply छात्रों को सही कार्यक्रम चुनने, सहजता से आवेदन करने और प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश सुरक्षित करने में मदद करने के लिए व्यक्तिगत परामर्श और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करता है।
हर साल, 20 लाख से ज़्यादा भारतीय छात्र NEET परीक्षा देते हैं, लेकिन सीमित सीटों की उपलब्धता के कारण, 1.5 लाख से भी कम छात्र भारत के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाते हैं। इस अंतर को पाटने के लिए, मेटाएप्ली छात्रों को आयरलैंड, रूस, चीन, यूएसए, जॉर्जिया, हंगरी और अन्य देशों के शीर्ष विश्वविद्यालयों से जोड़ता है। वर्तमान में, MetaApply अपने छात्रों के पहले बैच का जश्न मना रहा है, जिन्होंने जॉर्जिया में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए सफलतापूर्वक वीज़ा प्राप्त किया है।
विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने के लाभों में शामिल हैं:
-
उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा
-
विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय
-
सस्ती ट्यूशन फीस
-
नैदानिक अनुसंधान के अवसर
-
विविध सांस्कृतिक अनुभव
MetaApply छात्रों की सहायता कैसे करेगा:
-
प्रीमियम परामर्श: विशेषज्ञों की हमारी टीम शीर्ष-स्तरीय व्यक्तिगत मार्गदर्शन सुनिश्चित करती है, जो प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण को बनाए रखते हुए असाधारण मूल्य प्रदान करती है।
-
आवेदन सहायता: विशेषज्ञों की हमारी टीम आवेदन को उत्कृष्ट बनाने के लिए विशेषज्ञ सलाह प्रदान करके छात्रों के लिए प्रवेश आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाएगी।
-
दस्तावेजों का वैधीकरण: आधिकारिक तौर पर व्यक्तिगत रूप से उनका सत्यापन करके, अंतर्राष्ट्रीय उपयोग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सभी दस्तावेजों को वैध बनाना सुनिश्चित करना।
-
वित्तीय सहायता: छात्रों को सर्वोत्तम वित्तीय सहायता खोजने में सहायता करके, चाहे वह छात्रवृत्ति के माध्यम से हो या MetaFinance द्वारा संचालित शिक्षा ऋण के माध्यम से।
-
वीज़ा मार्गदर्शन: वीज़ा आवेदन भरने, सटीक दस्तावेज़ जमा करने और वीज़ा साक्षात्कार की तैयारी करने में छात्रों की मदद करना।
-
फ्लाइट बुकिंग: हमारी अतिरिक्त सेवा के माध्यम से, MetaFly अपने शेड्यूल और बजट के अनुसार, अपने सपनों के अध्ययन गंतव्य के लिए एक आरामदायक उड़ान खोजता है।
-
आवास सहायता: हमारी अतिरिक्त सेवा के माध्यम से, MetaStay हमारे आवास सहायता के माध्यम से विदेश में एक आरामदायक घर खोजने की परेशानी को समाप्त करता है।
-
प्रस्थान से पहले अभिविन्यास: हमारी टीम छात्रों को एक नया अध्याय शुरू करने के लिए अपने सपनों के गंतव्य पर उड़ान भरने से पहले तैयार करती है। सत्र में विदेश में सुरक्षित रूप से बसने के लिए सुझाव दिए जाते हैं।
-
मेस सहायता: छात्रों को विश्वसनीय, किफ़ायती और आरामदायक भोजन विकल्पों की मदद करके व्यापक मेस सहायता प्रदान करता है, जिससे विदेश में जीवन में एक सहज संक्रमण सुनिश्चित होता है।
श्री प्रशांत साली, सीईओ – यूके और शेष विश्व, MetaApply ने कहा, “हम छात्रों को उनकी अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा यात्रा को यथासंभव आसानी और आत्मविश्वास से नेविगेट करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं| हमारा लक्ष्य चिकित्सा शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाना है, विशेष रूप से कम आय वाले पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए, यह सुनिश्चित करना कि वित्तीय बाधाएं उनके चिकित्सा करियर की खोज में बाधा न बनें।”
MetaApply के एसोसिएट डायरेक्टर – पार्टनरशिप्स, श्री पवन भाटिया ने कहा, “विदेश में चिकित्सा की पढ़ाई करने से न केवल असाधारण शैक्षणिक अवसरों के द्वार खुलते हैं, बल्कि छात्रों को एक अनूठा वैश्विक दृष्टिकोण भी मिलता है, जो आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में अमूल्य है। हम चिकित्सा के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी करने का लक्ष्य बना रहे हैं।”
“विश्व स्तर पर प्रशिक्षित डॉक्टरों की मांग पहले कभी इतनी अधिक नहीं रही है, और हम महत्वाकांक्षी चिकित्सा पेशेवरों का समर्थन करने के लिए अपना ‘बी ए डॉक्टर’ विंग शुरू करने के लिए उत्साहित हैं। विदेश में अध्ययन सेवाओं में हमारी सिद्ध विशेषज्ञता के साथ, हम विश्वविद्यालय चयन से लेकर प्रवेश और वीजा हासिल करने तक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं – छात्रों को विश्व स्तरीय चिकित्सा पेशेवर बनने के उनके सपने को साकार करने में मदद करते हैं।” MetaApply के सेल्स हेड, श्री जसमीत सिंह ने आगे कहा।
MetaApply की एसोसिएट डायरेक्टर – मार्केटिंग सुश्री साक्षी जैन ने कहा, “हमारी मार्केटिंग रणनीति भारत में हर महत्वाकांक्षी मेडिकल छात्र को विदेश में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और संसाधन प्रदान करने पर केंद्रित है। लक्षित जागरूकता अभियानों और विशेषज्ञ सहायता के माध्यम से, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि छात्रों को आसानी से शीर्ष वैश्विक अवसरों तक पहुँच प्राप्त हो।”
विदेश में शीर्ष मेडिकल स्कूलों के लिए आवेदन अब खुले हैं, और कई छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता विकल्पों के साथ, भारतीय छात्रों के पास इन जीवन-परिवर्तनकारी अवसरों तक पहले से कहीं अधिक पहुँच है।MetaApply छात्रों को उनके करियर के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए यहाँ है, चाहे वे नैदानिक देखभाल, अनुसंधान या वैश्विक स्वास्थ्य नीति में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हों। एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय संस्थान से मेडिकल की डिग्री एक सफल और प्रभावशाली करियर को खोल सकती है। अधिक जानकारी के लिए: metaapply.io/be-a-doctor
पर जाएँ या संपर्क करें: beadoctor@metaapply.io
राष्ट्रीय
हेलो किड्स प्रीस्कूल चेन ने 1000वां सेंटर खोलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाई

नई दिल्ली, 11 मार्च : भारत की पहली नो-रॉयल्टी मॉडल और सबसे बड़ी प्रीस्कूल चेन में से एक, हेलो किड्स ने भारत और बांग्लादेश में 1,000 सेंटर खोलकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी की आक्रामक विस्तार योजना के तहत, अगले तीन वर्षों में 2,000 सेंटर खोलने और 2028 तक 100,000 से अधिक बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में यह प्रीस्कूल चेन बैंगलोर और हैदराबाद में प्रमुख रूप से कार्यरत है, लेकिन जल्द ही भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में भी अपने विस्तार के साथ अग्रणी शहरों में लोकप्रियता हासिल करेगी।
हेलो किड्स: एक प्रेरणादायक सफर
हेलो किड्स की स्थापना प्रीतम कुमार अग्रवाल ने वर्ष 2005 में की थी। बैंगलोर में एक छोटे से प्रीस्कूल से शुरू होकर यह आज दक्षिण भारत और बांग्लादेश में 1,000 से अधिक प्रीस्कूलों के एक मजबूत नेटवर्क के रूप में विकसित हो चुका है। यह यात्रा दृढ़ता, नवाचार और जुनून से भरी रही है।
एक छोटे से गाँव से आने वाले प्रीतम कुमार अग्रवाल ने प्रारंभिक चुनौतियों को पार करते हुए प्रीस्कूल स्थापित करने की बारीकियाँ सीखी। शुरुआती दिनों में वे अकेले ही स्कूल का संचालन करते थे, यहाँ तक कि स्कूल वैन भी खुद चलाते थे। उनके समर्पण को तब और बल मिला जब उनकी पत्नी सुनीता जैन, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, इस उद्यम से जुड़ीं। इसके बाद यह दंपति तेजी से आगे बढ़ता गया।
फ्रैंचाइज़िंग की शक्ति का लाभ उठाते हुए, हेलो किड्स माता-पिता के लिए एक विश्वसनीय और पसंदीदा ब्रांड बन चुका है। संस्थापक और निदेशक प्रीतम कुमार अग्रवाल ने कहा, “छोटी शुरुआत से लेकर देशभर में एक प्रतिष्ठित नाम बनने तक, हेलो किड्स ने हमेशा गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा को किफायती बनाने पर जोर दिया है। हमारा लक्ष्य 2028 तक 2,000 सेंटर खोलना और प्रारंभिक शिक्षा में उत्कृष्टता बनाए रखना है।”
पुरस्कार और मान्ताएँ
हेलो किड्स को प्रारंभिक बाल शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई मान्यताएँ प्राप्त हुई हैं, जिनमें शामिल हैं:
-
एजुकेशन वर्ल्ड द्वारा भारत के सबसे सम्मानित बचपन शिक्षा ब्रांड 2022-23 का खिताब।
-
एलेट्स वर्ल्ड एजुकेशन समिट 2022 द्वारा अग्रणी प्रीस्कूल चेन के रूप में सम्मान।
-
प्रीस्कूल शिक्षाशास्त्र में नवाचार, पाठ्यक्रम उत्कृष्टता और प्रारंभिक बाल शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए निरंतर मान्यता।
फ्रैंचाइज़ी पार्टनर्स के लिए अवसर
हेलो किड्स की सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि यह अपने फ्रैंचाइज़ी भागीदारों को आवश्यक उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करता है। कंपनी विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करती है, जिनमें शामिल हैं:
-
पाठ्यक्रम विकास और शिक्षाशास्त्र
-
विपणन रणनीतियाँ और सोशल मीडिया सहभागिता
-
प्रवेश प्रबंधन और अभिभावक परामर्श
-
नवीन शिक्षण विधियाँ जैसे ध्वन्यात्मकता, मोंटेसरी तकनीक, STEM शिक्षा और सामाजिक कौशल विकास
नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम
हेलो किड्स का पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है। इसमें आधुनिक डिजिटल शिक्षण उपकरणों को शामिल किया गया है, जैसे:
-
वर्चुअल रियलिटी किट
-
डिजिटल स्लेट
-
टॉकिंग पेन
इसके अलावा, कंपनी बच्चों के अनुकूल, स्वच्छ वातावरण, सीसीटीवी-निगरानी वाली कक्षाओं और अनुभवी शिक्षकों के माध्यम से एक सुरक्षित और समृद्ध शिक्षण अनुभव प्रदान करती है।
भविष्य की दिशा
हेलो किड्स अपनी नवाचार और उत्कृष्टता की यात्रा जारी रखते हुए, भारत और विदेशों में प्रारंभिक बाल शिक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए www.hellokids.co.in पर जाएँ।
प्रेस विज्ञप्ति
GS Yodha Book से UP पुलिस परीक्षा में 80-90% प्रश्न हू-ब-हू आये, सफलता की गारंटी

मेरठ (उत्तर प्रदेश), अक्टूबर 04 : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बाजार में सैकड़ो पुस्तकें हैं लेकिन इन सभी पुस्तकों को पीछे छोड़ते हुये एक बार फिर GS Yodha ने साबित किया कि I am the Best. जी हां, यह सही है कि इस बार उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा में GS Yodha पुस्तक से 80-90 प्रतिशत प्रश्न हू-ब-हू आये।
इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी एवं राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता Vidya Prakashan Mandirमंदिर के MD Saurabh Jain और CTO Dr Rohit Khokher ने संयुक्त रूप से कहा कि वर्तमान प्रतिस्पर्धा के दौर में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के सामने सामान्य अध्ययन (GS) को लेकर कई चुनौतियाँ हैं।
उन्होंने कहा कि दरअसल GS का क्षेत्र इतना व्यापक है कि अभ्यर्थी के लिए परीक्षोपयोगी कंटेंट खोजना और एक रूपरेखा बनाना कठिन कार्य है। अभ्यर्थियों की इस समस्या को दूर करने के लिए Vidya Prakashan Mandir के Competition Wing की eVidya टीम और Perfect Classes के संचालक विपिन कुमार पोसवाल ने GS Yodha का लेखन कार्य किया।
GS Yodha से 80-90% प्रश्न हू-ब-हू आये
MD Saurabh Jain ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि विगत 23 अगस्त से 31 अगस्त 2024 तक कुल 10 पालियों में संपन्न हुई ‘उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा’ में GS Yodha पुस्तक से 80 से 90% प्रश्न हू-ब-हू पूछे गये। इसके अलावा SSC CGL 2024 जो 9 सितंबर से शुरू हुई, उसमें भी यह Ratio बरकरार रहा। यह हमारे लिए बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें सामान्य अध्ययन और सामान्य ज्ञान के व्यापक क्षेत्र को सरल और सारगर्भित रूप में प्रस्तुत किया गया है। सही मायने में GS Yodha गागर में सागर का उदाहरण है।
GS Yodha के प्रमुख विषय
- भारत का इतिहासः प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत के महत्वपूर्ण घटनाक्रम, प्रमुख राजवंश और आंदोलनों की जानकारी।
- विश्व का इतिहासः वैश्विक ऐतिहासिक घटनाएँ, सभ्यताओं का विकास और प्रमुख युद्ध।
- कला एवं संस्कृतिः भारत और विश्व की कला, संस्कृति, शिल्प और साहित्यिक धरोहर।
- भारत का भूगोलः भारत के भौगोलिक विभाजन, जलवायु, खनिज संसाधन और पर्यावरण से जुड़े मुद्दे।
- विश्व का भूगोलः विभिन्न देशों की भौगोलिक विशेषताएँ, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित जानकारी।
- पर्यावरणः पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास से जुड़े मुद्दे।
- भारतीय राजव्यवस्थाः संविधान, भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, संघीय ढाँचा और मौजूदा
राजनीतिक मुद्दे। - भारतीय अर्थव्यवस्थाः भारतीय आर्थिक विकास, बजट, योजनाएँ और नीतियाँ।
- विज्ञानः भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के प्रमुख सिद्धांत और आविष्कार।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीः आधुनिक विज्ञान, नवीनतम प्रौद्योगिकी और आविष्कार।
- कंप्यूटरः कंप्यूटर के मूल सिद्धांत, इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी।
- सामान्य ज्ञानः राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम, पुरस्कार और सम्मान।
- विविधः विभिन्न समसामयिक मुद्दे, घटनाएँ और सामान्य जागरूकता के प्रश्न।
eVidya
Vidya Prakashan Mandir के CTO Dr Rohit Khokher ने बताया कि eVidya की ओर से प्रस्तुत पुस्तक GS Yodha में GS और GK के सभी कंटेंट को प्रतियोगी परीक्षा के बदलते ट्रेंड के अनुसार तैयार किया गया है। इसकी महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें भारत के 28 राज्यों और आठ केन्द्रशासित राज्यों की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। इसमें राज्यों के गठन, प्रमुख व्यक्तित्व, उत्सव, मेले, प्रतीक और शासकीय संरचना के बारे में विस्तृत विवरण शामिल है। इसमें दी गई जानकारी परीक्षाओं में उपयोगी होने के साथ अभ्यर्थियों के समग्र ज्ञान क्षमता को समृद्ध करती है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए रामबाण
निःसंदेह GS Yodha उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा सहित आगामी समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए रामबाण है। जो अभ्यर्थी इसे चुनेगा, उसका लक्ष्य अवश्य सधेगा। इसे प्रतियोगी परीक्षाओं के बदलते ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है। यह सरकारी परीक्षा के सभी विषयों को कवर करती है। इसलिए पुस्तक विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों के लिए वरदान है जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। GS Yodha में सभी विषयों को सरल और क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया गया है, ताकि अभ्यर्थियों को सही दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त हो सके और अध्ययन के दौरान किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
‘‘सलेक्शन आपका, कंटेंट हमारा’’
इस पुस्तक की उपलब्धता और सफलता दर्शाती है कि Vidya Prakashan Mandir और उनकी eVidya टीम ने प्रतियोगी परीक्षाओं की आवश्यकताओं को समझते हुए एक बेहतर अध्ययन सामग्री के रूप में प्रस्तुत किया है। ‘‘सलेक्शन आपका, कंटेंट हमारा’’ उक्ति अभ्यर्थियों में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सफलता की ओर अग्रसर करती है।
Vidya Prakashan Mandir का ज्ञान रत्न GS Yodha
GS Yodha पुस्तक संपूर्ण अध्ययन सामग्री के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए व्यापक और उपयोगी मार्गदर्शक है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा की कसौटी पर खरा उतरने के बाद यह साबित हो गया कि पुस्तक सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है। इसकी व्यापक और व्यवस्थित सामग्री, प्रतियोगी परीक्षाओं की कठिनाइयों को हल करने में सक्षम है। Vidya Prakashan Mandir की पुस्तक अभ्यर्थियों की सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है।
Buy Now https://bit.ly/3AqrvgU
Follow Us https://bit.ly/3WdMGJ7
-
बिज़नेस1 week ago
वसई-विरार में डिजिटल क्रांति की शुरुआत: अमन पब्लिसिटी सर्विसेज़ ने शुरू किया नया निवेश मॉडल
-
मनोरंजन3 months ago
एनिमेटेड फिल्म ‘बिलाल’, 30 मार्च को होगी मास्क टीवी ओटीटी पर रिलीज
-
प्रेस विज्ञप्ति2 years ago
बीइंग एक्सपोर्टर द्वारा सूरत में आयोजित नेशनल इवेंट में देशभर के निर्यातकों एक मंच पर आए
-
लाइफस्टाइल1 day ago
स्वच्छता, पवित्रता, प्रसन्नता, स्वतंत्रता और असंगता, यही सच्चे साधु के पंचतत्व हैं: मोरारी बापू
-
प्रेस विज्ञप्ति2 years ago
भारत की 10 सबसे बड़ी टेक्सटाइल कम्पनियां
-
बिज़नेस4 months ago
सोनू बिल्डर्स और डेवलपर्स बोपेले,नेरल में भव्य सुविधाओं के साथ 2 एकड़ भूमि विकसित करेंगे
-
लाइफस्टाइल1 day ago
गांव से राष्ट्र निर्माण तक,कपिल शर्मा की प्रेरणादायक कहानी
-
लाइफस्टाइल3 months ago
विदेश में तिरंगे का सम्मान, सरावगी परिवार की प्रेरणादायक कहानी