प्रेस विज्ञप्ति
एम्मार ने बुर्ज खलीफ़ा गाला में सम्मानित अतिथि शाहरुख खान के साथ यूएसडी 20 बिलियन लग्ज़री जीवन शैली गंतव्य, ‘दी ओएसिस बाय एम्मार’ का अनावरण किया

दुबई, संयुक्त अरब अमीरात
Emaar Properties ने डाउनटाउन दुबई के बुर्ज खलीफ़ा में अरमानी होटल में कल रात आयोजित शानदार ईवेंट के साथ, The Oasis by Emaar के लॉन्च का जश्न मनाया, जो इसका नवीनतम वॉटरफ़्रंट विलासितापूर्ण जीवन शैली गंतव्य है।
इस विशेष VIP ईवेंट में Emaar Properties के ग्राहकों और शीर्ष प्रॉपर्टी एजेंट्स ने भाग लिया। शाम का मुख्य आकर्षण ईवेंट के सम्मानित अतिथि, अंतरराष्ट्रीय सुपरस्टार शाहरुख खान की उपस्थिति थी, जिन्होंने समारोह के मेहमानों का स्वागत किया और प्रसिद्ध Emaar गंतव्यों के पोर्टफ़ोलियो में शामिल होने वाले नए लॉन्च के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा: “जब भी Emaar हमारे लिए शहरी चमत्कार के साथ प्रस्तुत करता है, तो यह उसके पीछे तुरंत एक और नया गंतव्य पेश करता है, जो अपने आप में उत्कृष्ट कृति है, जैसे The Oasis by Emaar, जिसका जश्न हम आज रात मना रहे हैं। यह दुबई के लिए असामान्य नहीं है, ऐसा शानदार महानगर जो दुनिया के सबसे प्रसिद्ध, सुरुचिपूर्ण, और उन्नत शहरों में से एक बन गया है।”
Emaar Properties का नवीनतम जीवन शैली गंतव्य, The Oasis by Emaar, दुबई में सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित विकास में से एक है, जो कुल 100 मिलियन वर्ग फ़ुट (9.4 मिलियन वर्ग मीटर) से अधिक के भूमि क्षेत्र को कवर करता है। कुल USD 20 बिलियन के विकास मूल्य के साथ, यह विकास दुनिया के सबसे प्रसिद्ध वास्तुकारों द्वारा असाधारण वास्तुशिल्प डिज़ाइन का गर्व करता है, जिसमें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय डिज़ाइनरों द्वारा बनाए गए अंदरूनी भाग हैं। असाधारण गुणवत्ता प्रदान करने के लिए Emaar की प्रतिबद्धता पर क़ायम रहते हुए, The Oasis 7,000 से अधिक आवासीय यूनिट्स की पेशकश करता है, जो विशाल भूखंडों के साथ बड़े मेंशंस और विला पर फ़ोकस करते हैं, और निवासियों को नहरों, झीलों और पार्कों के अद्भुत दृश्य प्रदान करते हैं।
दुबई के रियल एस्टेट परिदृश्य में रहने का प्रतिष्ठित और संपन्न अनुभव प्रदान करने के लक्ष्य से, विकास को रिसॉर्ट-शैली की जीवन शैली बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें 25% भूमि झीलों, नहरों, पार्कों, जॉगिंग ट्रैक, हरे स्थानों, और विभिन्न लक्ज़री सुविधाओं के लिए समर्पित है। मनोरंजक स्थानों पर यह बल होने से निवासी उच्च गुणवत्ता वाले आवास वातावरण का आनंद ले सकते हैं और सक्रिय और स्वस्थ जीवन शैली में संलग्न हो सकते हैं।
The Oasis by Emaar दुबई के भीतर प्रमुख स्थान पर स्थित है, जो हाई-एंड विकास से घिरा हुआ है। यह चार अंतरराष्ट्रीय गोल्फ़ कोर्स के निकट है, जिससे निवासी गोल्फ़ के लिए अपने जुनून में शामिल हो सकते हैं। यह विकास सुविधाजनक रूप से दुबई शहर से केवल 20 मिनट की ड्राइव पर स्थित है, और शहर के जीवंत आकर्षणों तक आसान पहुँच प्रदान करता है।
The Oasis by Emaar में 1.5 मिलियन वर्ग फ़ुट का विस्तृत खुदरा क्षेत्र भी होगा, जिसमें जीवन शैली ब्रांडों की विस्तृत शृंखला होस्ट की जाएगी और निवासियों को बेहतर ख़रीदारी विकल्पों तक पहुँच प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, विभिन्न वरीयताओं को पूरा करने के लिए विविध पकवान दृश्य सुनिश्चित करने के लिए, विभिन्न प्रकार के भोजन और पेय पदार्थ आउटलेट होंगे।
नए विकास पर टिप्पणी करते हुए, Emaar के संस्थापक, मोहम्मद अलाबार ने कहा, “अपने प्रत्येक गंतव्य में, Emaar अपने विविध ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करता है। हमारा प्राथमिक उद्देश्य अद्वितीय आराम और विलासिता प्रदान करते हुए अपने ग्राहकों के जीवन की संपन्न शैली के पूरक के रूप में अपनी-तरह-के-अकेले गंतव्यों को डिज़ाइन करना है। हमारी सबसे हाल की एकीकृत परियोजना, The Oasis by Emaar, सामंजस्यपूर्ण वास्तुकला और असाधारण सुविधाओं के मिश्रण के साथ दुबई के शहरी परिदृश्य के पूरक और प्रकृति और पानी के बीच विलासितापूर्ण जीवन के भविष्य को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है।”
संपादकों के लिए नोट
Emaar Properties के बारे में
Emaar Properties PJSC, दुबई फ़ाइनेंशियल मार्केट में सूचीबद्ध है, जो मध्य पूर्व, उत्तरी अफ़्रीका और एशिया में महत्वपूर्ण उपस्थिति के साथ वैश्विक संपत्ति डेवलपर और प्रीमियम जीवन शैली प्रदाता है। दुनिया की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक, Emaar के पास यूएई और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में 1.7 बिलियन वर्ग फ़ुट का लैंड बैंक है।
डिलीवरी में सिद्ध ट्रैक-रिकॉर्ड के साथ, Emaar ने 2002 से दुबई और अन्य वैश्विक बाज़ारों में 94,000 से अधिक आवासीय यूनिट्स वितरित की हैं। Emaar के पास 1,300,000 वर्ग मीटर से अधिक राजस्व उत्पन्न करने वाली परिसंपत्तियों और 8,134 कमरों के साथ 37 होटल और रिसॉर्ट्स (स्वामित्व के साथ-साथ प्रबंधित होटल शामिल हैं) के साथ मज़बूत आवर्ती राजस्व-सृजन संपत्ति है। आज, Emaar का 37 प्रतिशत राजस्व इसके शॉपिंग मॉल और खुदरा, आतिथ्य व मनोरंजन और अंतरराष्ट्रीय सहायक कंपनियों से आता है।
बुर्ज खलीफ़ा, वैश्विक आइकन, दुबई मॉल, दुनिया का सबसे अधिक विज़िट किया जाने वाला खुदरा और जीवन शैली गंतव्य, और दुबई फ़ाउंटेन, दुनिया का सबसे बड़ा निष्पादक फव्वारा, Emaar के ट्रॉफ़ी गंतव्यों में से हैं।
Emaar को फ़ॉलो करें: Facebook: www.facebook.com/emaardubai, Twitter: www.twitter.com/emaardubai, Instagram: www.instagram.com/emaardubai.
राष्ट्रीय
आत्मनिर्भर रक्षा का नवयुग: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 11 वर्षों की गौरवशाली यात्रा – राधा मोहन सिंह

राष्ट्रीय
यदि भारत ने विश्व पर इंग्लैंड की तरह साम्राज्य स्थापित किया होता

नई दिल्ली, मई 23 : आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि यदि भारत ने इंग्लैंड की तरह विश्व पर साम्राज्य स्थापित किया होता; तो भारतीय भाषाएं कितनी समृद्ध होती! जिस तरह आज ‘इंग्लिश’ विश्व पर शासन कर रही है, उसी तरह ही भारतीय भाषाएं भी विश्व पर शासन करती। आज विश्व में अंग्रेज़ी की बजाय ‘भारतीय’ भाषा का ही प्रयोग होता और वह कोई भी एक भारतीय भाषा ही ‘अंतर्राष्ट्रीय’ भाषा होती। जिस प्रकार अंग्रेज़ी के बिना आज लोगों का जीवित रहना भी असंभव जैसा है; यदि भारत ने विश्व पर शासन किया होता, तो भारतीय भाषा के बिना भी लोगों का जीवित रहना असंभव जैसा हो जाता। अंग्रेज़ी की तरह ही लोग चाह कर भारतीय भाषा पढ़ते; क्योंकि, भारत के अधीन होने के कारण, भारतीय भाषा पढ़ना उन की मजबूरी बन जानी थी; जैसे इंग्लैंड के अधीन रहने के कारण अंग्रेज़ी पढ़ना, आज पूरे विश्व की मजबूरी बन गई है। परंतु, विश्व पर साम्राज्य स्थापित करने हेतु तथा उस साम्राज्य को लंबे समय तक कायम रखने हेतु: क्रूरता व कुटिलता जैसे अनैतिक-अधर्म कार्य करने राजनीति की मजबूरी है, जो इंग्लैंड की तरह भारत ने नहीं किए। अनैतिक कार्य करने का फल: इंग्लैंड प्रफुल्लित हो कर भोग रहा है। परंतु, इंग्लैंड के अनैतिक कार्यों के कारण; पूरा विश्व अपनी संस्कृति, भाषाएं, मज़हब आदि खो कर, नैतिकता कारण अधीनगी का फल भोग रहा है। इसी प्रकार से, अनैतिक कार्य न करने का फल: भारत अपनी स्वतंत्रता, भाषाएं, संस्कृति, मज़हब तथा भारत भूमि का बड़ा भाग खो कर भोग रहा है।
विशेष: पाठक जन! इस लेख पर आपत्ति करने से पहले इस का तत्व समझिए। जिस का साम्राज्य हो; उसी की भाषा राजकीय कार्यों में चलती है एवं प्रफुल्लित हो कर लोगों में प्रचलित होती है। क्योंकि, वह भाषा पढ़ना व उस का उपयोग करना: लोगों की मजबूरी बन जाती है। यदि उस का साम्राज्य न भी रहे; तो भी उसी की भाषा, लंबे समय तक अपना प्रभाव रखती है। अंग्रेज़ी का ‘अंतर्राष्ट्रीय भाषा’ बन कर, आज पूरे विश्व के लोगों की आवश्यकता बनने का एक ही विशेष कारण है; इंग्लैंड का विश्व के बहुत बड़े भाग पर साम्राज्य स्थापित करना। यदि आप लेख के इस तत्व को समझ कर, जीवन की सच्चाई को स्वीकार करें गे, तो मेरे विचारों से अवश्य सहमत हो जाएं गे। यदि मेरी बात आप की समझ में नहीं आ रही, आप को स्वीकार नहीं हो रही; तो, अंग्रेज़ी का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर के, केवल एक दिन के लिए ही आप जीवित रह कर देखिए। आप को अपने आप ही पता चल जाएगा कि आप अंग्रेज़ी-उपयोग के बिना जीवित ही नहीं रह सकते। विश्व के सभी बड़े साम्राज्य: क्रूरता, हिंसा, कपट, अनैतिक-अधर्म कार्य कर के ही स्थापित हुए हैं; केवल सेवा, पर-उपकार जैसे नैतिक और धर्म कार्य कर के, कोई बड़ा साम्राज्य कभी भी स्थापित नहीं हुआ, ना ही हो सकता है ।
यह सर्व विदित है कि यूरोप के कुछ देशों (इंग्लैंड, फ्रांस, हॉलैंड, स्पेन आदि): विशेष रूप से इंग्लैंड ने, विश्व के अधिकत्तर देशों को गुलाम बना कर, अपना साम्राज्य स्थापित किया था। जिस में से एक बहुत बड़े भाग पर अब तक भी उन्हीं का शासन है, जैसे: ऑस्ट्रेलिया (Australia), कनाडा (Canada) एवं कई छोटे-छोटे देश: इंग्लैंड के अधीन हैं। ग्वाडेलोप (Guadeloupe), गुयाना (Guyana), मैयट (Mayotte), फ्रेंच पोलिनेशिया (French Polynesia) आदि देश: फ्रांस के अधीन हैं। इबेरियन प्रायद्वीप (Iberian Peninsula), कैनरी द्वीप समूह (Canary Islands), उत्तरी अफ्रीका के सेउटा और मेलिला शहर (North African cities of Ceuta and Melilla) आदि क्षेत्र: स्पेन के अधीन हैं।
ऐसा विश्वास किया जाता है कि किसी भी देश के मूल निवासियों पर अत्याचार कर के व गुलाम बना कर, उन का शोषण करना तथा उन पर शासन करना; बहुत बड़ी अनैतिकता तथा अधर्म है, जिस का बहुत बड़ा दंड/पाप: शोषण करने वाले लोगों को लगता है। इन यूरोपीय देशों को उन अनैतिक कुकर्मों का दंड/पाप लगना चाहिए था। परंतु, इस के विपरीत, इन यूरोपीय देशों को इतने बड़े ऐसे अनैतिक/पाप कर्म करने का, यह फल मिला है; कि जहां-जहां भी उन्होंने साम्राज्य स्थापित किया, वहां पर उन की जन संख्या, भाषा, मज़हब तथा संस्कृति प्रफुल्लित हो कर स्थापित हो गये! गुलाम देशों के मूल निवासियों की जन संख्या, भाषा, मज़हब तथा संस्कृति इन विदेशी अत्याचारियों के शासन व गुलामी के कारण लुप्त होने की कगार पर हैं। जिस का प्रत्यक्ष उदाहरण यूरपीयों की अपनी लिखत में ही मिलता है: उत्तरी अमरीका एवं दक्षिणी अमरीका पर अपना साम्राज्य स्थापित करने हेतु, यूरोपीय लोगों ने वहां के 50 लाख से अधिक मूल निवासियों को मारा है।
इस से यह प्रत्यक्ष होता है कि अपनी भाषा व संस्कृति को प्रफुल्लित करने हेतु; विश्व के बड़े भाग पर साम्राज्य स्थापित करना अनिवार्य है। वह साम्राज्य स्थापित करना, केवल नैतिकता या धर्म कार्यों से संभव नहीं। यह भी कटु सत्य है कि कम से कम 50% अनैतिकता तथा क्रूरता से ही साम्राज्य स्थापित होता है तथा स्थापित रहता है; भले ही समाज इस ढंग को कितना भी अनैतिक तथा अपराधिक मानता है। परंतु, साम्राज्य स्थापित कर के, केवल लोगों का शोषण व उन पर अत्याचार करने से कोई भाषा, मज़हब तथा संस्कृति; गुलाम देश के लोगों के जीवन का अंग नहीं बन जाती। जब लंबे समय तक साम्राज्य के मंत्री, अधिकारी तथा उन के लोग; गुलाम हुए देश में रहते हैं; तो जो भाषा वह उपयोग करते हैं और जो कार्य वह करते हैं; गुलाम देश की जनता उन के सभी कार्यों की, अपने आप नकल करने लग जाती है। क्योंकि, मानवी स्वभाव है कि धनहीन प्रजा, धनी व सत्तारूढ़ व्यक्ति की नकल करती है। सब से धनवान और शक्तिशाली तो साम्राज्य का स्वामी और उस के अधिकारी/मंत्री होते हैं। इस प्रकार से, साम्राज्य स्थापित करने वाले देशों की भाषा, मज़हब व संस्कृति भी: बिना अधिक अत्याचार किए, बिना अधिक परिश्रम किए, अपने आप ही गुलाम देश में प्रफुल्लित होने लगते हैं। नकल करने का मानवीय स्वभाव होने के कारण ही, आज पूरे विश्व में इंग्लैंड व यूरोपीय देशों की भाषा, मज़हब व संस्कृति प्रफुल्लित हो कर फैल गए हैं।
इस लिए, जिस ने भी अपनी भाषा, मज़हब तथा सभ्यता को सुरक्षित कर के प्रफुल्लित करना हो; उस के लिए बड़ा सम्राज्य स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है। बड़ा सम्राज्य स्थापित करने हेतु, इन यूरपीय देशों जैसे अनैतिक कार्य भी करने पड़ते हैं; तभी सम्राज्य स्थापित होता है, एवं स्थापित रहता है। इस का प्रत्यक्ष उदाहरण है: मानव जाति का पृथ्वी पर साम्राज्य स्थापित कर के, उस पर रहते सभी जीव-जंतुओं एवं वनस्पति पर शासन करना तथा उन का शोषण करना। मानव जाति ने हर प्रकार के अनैतिक, अधर्म कार्य (क्रूरता, कपट आदि) कर के ही, पृथ्वी पर साम्राज्य स्थापित किया है। क्योंकि, मानव सभी जीवों में से अधिक शैतान, क्रूर, कपटी एवं लालची (अधर्मी) है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:- राजपाल कौर +91 9023150008, तजिंदर सिंह +91 9041000625, रतनदीप सिंह +91 9650066108.
Email: info@namdhari-sikhs.com
शिक्षा
हिंदी भाषा और व्याकरण: मानवीय संस्कारों से रोज़गार तक की यात्रा

नई दिल्ली : भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं होती, बल्कि यह समाज की आत्मा, संस्कृति की वाहक और मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त साधन होती है। हिंदी, हमारी मातृभाषा, न केवल भारत के विशाल भूभाग में संवाद का माध्यम है, बल्कि यह करोड़ों लोगों की पहचान, सोच और संस्कारों की वाहिका भी है। भाषा की आत्मा उसका व्याकरण होता है, जो उसे शुद्धता, स्पष्टता और सौंदर्य प्रदान करता है। हिंदी भाषा और व्याकरण का यह संगम न केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति करता है, बल्कि व्यक्ति को सामाजिक, नैतिक व व्यावसायिक स्तर पर दक्ष, सक्षम और संवेदनशील बनाता है।
1. भाषा और व्याकरण: संस्कारों का आधार
बचपन में जब कोई बालक भाषा सीखता है, तो वह केवल शब्दों और वाक्यों को नहीं, बल्कि व्यवहार, संस्कृति और मूल्यों को आत्मसात करता है। ‘नमस्ते’ कहना, बड़ों को ‘आप’ कहकर संबोधित करना, संवाद में विनम्रता रखना — ये केवल भाषायी क्रियाएं नहीं हैं, ये हमारी सामाजिक चेतना के अंग हैं।
हिंदी व्याकरण में मौजूद ‘संबोधन विभक्ति’, ‘क्रियाओं की विनम्रता’ और ‘शुद्ध उच्चारण’ केवल तकनीकी बातें नहीं हैं, बल्कि ये संवाद की मर्यादा और आदर-संवोधन की गूढ़ समझ भी प्रदान करती हैं।
भाषा में व्याकरण वही भूमिका निभाता है, जो शरीर में रीढ़ की हड्डी निभाती है। वह भाषा को संरचना, संतुलन और सौंदर्य प्रदान करता है। सही व्याकरण से युक्त भाषा न केवल स्पष्ट होती है, बल्कि वह सामाजिक व्यवहार का दर्पण भी बनती है।
2. भावनात्मक बौद्धिकता और भाषा
आज के युग में ‘भावनात्मक बुद्धिमत्ता’ (Emotional Intelligence) को सफलता का अनिवार्य गुण माना जाता है। यह केवल निर्णय लेने या संकट में संतुलन बनाए रखने की क्षमता नहीं, बल्कि दूसरों की बात समझने, संवेदना व्यक्त करने और सहयोग की भावना को विकसित करने का माध्यम भी है।
हिंदी भाषा, विशेषकर उसकी काव्यात्मकता, मुहावरों, लोकोक्तियों और संवाद शैली के माध्यम से यह भावनात्मक समझ उत्पन्न करती है। एक संवेदनशील भाषा के रूप में हिंदी अपने वक्ता को एक बेहतर श्रोता, सहकर्मी, नेता और नागरिक बनने की क्षमता देती है।
3. रोजगार के बदलते परिदृश्य में भाषा की भूमिका
21वीं सदी का रोजगार बाजार केवल डिग्रियों और तकनीकी ज्ञान के आधार पर निर्णय नहीं लेता। अब कंपनियां और संस्थाएं ऐसे व्यक्तियों को प्राथमिकता देती हैं जो प्रभावी संवाद कर सकें, टीम में काम कर सकें, और विभिन्न भाषायी-सांस्कृतिक संदर्भों को समझते हुए व्यावसायिक संबंध बना सकें।
कुछ प्रमुख क्षेत्रों में हिंदी भाषा का प्रभावी योगदान:
-
शिक्षा एवं शोध: आज शैक्षणिक संस्थानों में विषयवस्तु को मातृभाषा में समझाना, शोध करना और विद्यार्थियों से संवाद करना एक महत्वपूर्ण कौशल है। हिंदी में लेखन, प्रस्तुति और अध्यापन की क्षमता आपको इस क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है।
-
पत्रकारिता एवं मीडिया: हिंदी पत्रकारिता देश के सबसे बड़े मीडिया उपभोक्ताओं में से एक को संबोधित करती है। प्रिंट, डिजिटल और टेलीविजन मीडिया में शुद्ध, सटीक और प्रभावी हिंदी लेखन व वाचन कौशल की भारी मांग है।
-
सृजनात्मक लेखन एवं अनुवाद: साहित्य, पटकथा लेखन, वेब सीरीज़, विज्ञापन, फिल्म आदि में हिंदी की सृजनात्मकता की अपार संभावना है। इसके अतिरिक्त, क्षेत्रीय भाषाओं और वैश्विक भाषाओं से हिंदी में अनुवाद एक उभरता हुआ पेशेवर क्षेत्र है।
-
प्रशासनिक सेवाएं: सिविल सेवा परीक्षा सहित अनेक प्रशासनिक सेवाओं में हिंदी भाषा में गहरी समझ और प्रभावी अभिव्यक्ति सफलता की कुंजी बन सकती है।
-
कॉर्पोरेट व जनसंपर्क: बहुराष्ट्रीय कंपनियों और स्थानीय संस्थाओं को ऐसे लोग चाहिए जो हिंदी में ग्राहकों से संवाद कर सकें, रिपोर्ट तैयार कर सकें और अंदरूनी टीमों के बीच पुल बना सकें।
4. व्याकरण: दक्षता और विश्वसनीयता का आधार
आज जब डिजिटल और वैश्विक संवाद तेज़ी से बढ़ रहा है, सही भाषा और व्याकरण की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है। सोशल मीडिया पोस्ट, ईमेल, रिपोर्ट, प्रस्तुतियाँ — सबमें भाषा की स्पष्टता और शुद्धता ही व्यक्ति की विशेषज्ञता और विश्वसनीयता दर्शाती है।
हिंदी व्याकरण जैसे समास, कारक, काल, वाच्य, अलंकार आदि न केवल भाषा को समृद्ध बनाते हैं, बल्कि व्यक्ति के चिंतन और अभिव्यक्ति को गहराई और सौंदर्य प्रदान करते हैं। व्याकरण के अभ्यास से तार्किक क्षमता, एकाग्रता और अनुशासन का विकास होता है — जो किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक हैं।
5. डिजिटल युग और हिंदी भाषा
आज डिजिटल क्रांति के युग में हिंदी अपनी नई पहचान बना रही है। मोबाइल एप्स, वेबसाइट्स, ब्लॉग्स, यूट्यूब चैनल्स, पॉडकास्ट्स और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर हिंदी के उपयोग ने लाखों युवाओं को न केवल अपनी बात कहने का मंच दिया है, बल्कि उन्हें स्वतंत्र, रचनात्मक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाया है।
हिंदी कंटेंट क्रिएटर, ट्रांसक्रिप्शन विशेषज्ञ, डिजिटल मार्केटर, सोशल मीडिया मैनेजर जैसे अनेक नए प्रोफेशनल रोल हिंदी भाषा-ज्ञान पर आधारित हैं। ऐसे में हिंदी भाषा और व्याकरण का सशक्त ज्ञान, डिजिटल युग के अवसरों का लाभ उठाने में सहायक बनता है।
6. भाषा और व्यक्तित्व विकास
हिंदी भाषा केवल करियर का साधन नहीं, यह हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती है। वह हमें अभिव्यक्ति की शक्ति, विचारों की गहराई और संवाद की मर्यादा सिखाती है। एक ऐसा व्यक्ति जो प्रभावी ढंग से हिंदी में विचार रख सकता है, उसमें आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और संवेदनशीलता जैसे गुण स्वतः विकसित होते हैं।
व्याकरण की समझ व्यक्ति को केवल भाषायी रूप से सक्षम नहीं बनाती, बल्कि वह तार्किक, संयमित और विवेकशील भी बनाता है।
हिंदी भाषा और उसका व्याकरण केवल शैक्षिक विषय नहीं हैं, बल्कि ये मानवीय जीवन की संरचना के मूल आधार हैं। ये हमें केवल शब्दों की दुनिया में दक्ष नहीं बनाते, बल्कि संस्कार, सह-अस्तित्व, संवाद और सहिष्णुता जैसे गुणों से समृद्ध करते हैं। आज जब भविष्य की दुनिया बहुभाषायी, भावनात्मक और संवाद-प्रधान होती जा रही है, हिंदी भाषा और व्याकरण की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
हमें यह समझना होगा कि भाषा केवल रोज़गार का साधन नहीं, बल्कि एक समृद्ध, सुसंस्कृत और सार्थक जीवन की कुंजी भी है। यदि हम हिंदी भाषा और व्याकरण को अपने जीवन में आदरपूर्वक स्थान दें, तो हम न केवल एक सफल पेशेवर बन सकते हैं, बल्कि एक सजग, सुसंस्कृत और सहृदय नागरिक भी बन सकते हैं।
-
©® डॉ ऋषि शर्मा
-
प्रकाशन प्रबंधक भाषा
-
न्यू सरस्वती हाउस प्रकाशन
-
प्रमुख संपादक गुंजार, गूँज हिंदी की, शैक्षिक त्रैमासिक पत्रिका।
-
संस्थापक: हिंदगी ,हिंदी है ज़िंदगी समूह
-
बिज़नेस2 weeks ago
वसई-विरार में डिजिटल क्रांति की शुरुआत: अमन पब्लिसिटी सर्विसेज़ ने शुरू किया नया निवेश मॉडल
-
प्रेस विज्ञप्ति2 years ago
भारत की 10 सबसे बड़ी टेक्सटाइल कम्पनियां
-
प्रेस विज्ञप्ति2 years ago
मोतिया गिल्डफोर्ड स्क्वायर ट्राईसिटी में कॉर्पोरेट्स और एमएनसी का हब
-
मनोरंजन2 months ago
रोमांटिक सिंगल ‘इश्क़ हो गया’ हुआ लॉन्च — सुनिए और प्यार भरे इस जज़्बाती सफ़र का लुत्फ़ उठाइए!
-
शिक्षा2 years ago
कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों की बेहतर तैयारी के लिए उत्कर्ष क्लासेज ला रहा है वर्कशॉप
-
प्रेस विज्ञप्ति2 years ago
अपने नए म्यूजिक वीडियो में ‘बेमिसाल’ लग रही हैं रमनदीप कौर
-
बिज़नेस2 months ago
ओज़ोन ग्रुप के पीछे की दूरदृष्टि और नेतृत्व: रियल एस्टेट और परोपकार में उत्कृष्टता का प्रतीक
-
लाइफस्टाइल3 days ago
गांव से राष्ट्र निर्माण तक,कपिल शर्मा की प्रेरणादायक कहानी